5/24/08
जरमनी से स्कान्दिनैविया कि ओर
बर्लिन से डेनमार्क होते हुए स्टाकहोम जाने का प्लान था.. ट्रेन मे बैठे-बैठे हम और राजदीप गप्पे मार रहे थे.. राजदीप बातो से ज्यादा , खिडकी से बाहर के नजारो का मजा ले रहा था. ’ये देखो कितने सारे windmill' राजदीप ने इशारा करते हुए दिखाया.... बाहर झाकं के देखा तो चारो तरफ़ Swan और Windmills दिखें.
ठंढ बढने लगी थी ... जल्दी हि हम यूरोप मेनलैंड से स्कान्दिनैविया मे प्रवेश करने वाले थे. ट्रेन रुकी.. हमने सोचा कि ट्रेन से उतरकर Baltic Sea क्रॉस करने के लिए फेरी लेना होगा.
पर ट्रेन से बाहर उतरे तो पता चला कि we are already in a Ferry!! और हमारे ट्रेन कि जैसी और दो ट्रेने थी उस बडे Ferry मे.
5/9/08
जान्कोलाना कि कुछ यादें
यादों को अगर संजोया न जाए तो वे मिट जातें है!
आजकल कि भागदौड भरी जिदंगी मे; हम, आप और सबसे तेज,ये वक्त दौडता है...वक्त कि रफ़्तार सुनहरे यादों को धुंधली कर देता है...ऐसी हि कुछं धुंधली यादों पर से धुल झाडने कि, उसे चमकाने कि एक कोशिश...
जान्कोलाना पहुचने के बाद, ट्राली से हमलोग Skiing Zone गए...
आजकल कि भागदौड भरी जिदंगी मे; हम, आप और सबसे तेज,ये वक्त दौडता है...वक्त कि रफ़्तार सुनहरे यादों को धुंधली कर देता है...ऐसी हि कुछं धुंधली यादों पर से धुल झाडने कि, उसे चमकाने कि एक कोशिश...
जान्कोलाना पहुचने के बाद, ट्राली से हमलोग Skiing Zone गए...
स्नो कि परत ह्ल्की थी..कभी कभी घुठनो तक धस जाते थे..
Kshitij से सूरज कि किरने आ रही थी..
उछ्ल कुद और मस्ती के बाद याद आया कि जल्दी रवाना होना पडेगा नही तो बस छुट जाएगी.
बस stand पहुचकर जब हम बस का इंतजार कर रहे थे तो ठंढ से कांप रहे थे..शाम हो गई थी.
उछ्ल कुद और मस्ती के बाद याद आया कि जल्दी रवाना होना पडेगा नही तो बस छुट जाएगी.
बस stand पहुचकर जब हम बस का इंतजार कर रहे थे तो ठंढ से कांप रहे थे..शाम हो गई थी.
ठंढ भगाने के लिए हमे दौडे.. फ़ुटबाल खेले और Hot गपशप मारे.. १ घंटे बाद बस आ गई और हम उदीने के लिए रवाना हुए..
इंडिया हो या यूरोप, ये universal truth है कि : बस कभी time पे नही आती.
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