1/18/10

वार्षिक रिपोर्ट - २००९

प्यारे पाठको ,

आशा है की 'आल इज्ज वेल ' होगा आपके साथ भी ।
दो दिन पहले की बात है मेरे एक पाठक ने मुझसे 'एक घुमक्कड़' चिठ्ठा का वार्षिक रिपोर्ट माँगा । उनका भी लोजिक सही था , बोले की घुमक्कड़ भाई बातें और प्लान तो बड़े बड़े बनाते हो , चलो ये तो बताओ की पिछले साल किया तुमने क्या ??
मैंने बोला की सरकार आप तो हमेशा मेरा ब्लॉग पढ़ते है, ये रहे मेरी पिछले साल के घुमक्कड़ी से रिलेटेड कुछ सवाल , चलिए आप ही गेस मारिये . और पाठको आप क्यों पीछे है ? चलिए आप भी गेस मारिये .
२१ जनवरी को सही जवाब कमेन्ट में पोस्ट कर दिया जाएगा ।










और हां , फ़ोनों फ्रेंड करना हो तो - +९१ ९ ० ० ७ ० ० ० ६ ७ ० डायल कीजिये !

1/2/10

37th आश्चर्य !

मै नहीं मानता की हिलमैन के १०० आश्चर्य ही वास्तविक १०० आश्चर्य है इस दुनिया के । ये तो घुमक्कड़ी की मार्केटिंग है । कई आश्चर्यो को अब तक किताबो में जगह नहीं मिल पायी है और कारण आपको - हमको सबको पता है ।

बिहार के गया जिले के निवासी, दसरथ मांझी ने अकेले ही गहलौर के पहाड़ी को काट कर ३६० फिट लम्बा , २५ फिट उचा और ३० फिट चौड़ा सड़क बना डाला था । ये काम करने में उन्हें २२ साल लगे। २२ साल तक एक हथौड़ा और एक छेनी ले कर के जनाब डटे रहे । क्या ये अपने आप में एक आश्चर्य से कम है ??

खैर , हिलमैन जी के अनुसार दुनिया का 37th आश्चर्य है - हांगकांग का स्काईलाइन । दुनिया के अच्छे स्काईलाइनों में हांगकांग का स्काईलाइन सबसे अच्छा माना जाता है । घुमक्कड़ को हांगकांग के स्काईलाइन के दर्शन का सौभाग्य १२ दिसंबर'०९ को मिला । इसके साथ ही इनके १६ आश्चर्यो के दर्शन पुरे हुए। ये जनाब १०० में से १०० देख कर ही मानेंगे !