6/16/10

राही का तो काम है चलता ही जावे

अगर सब कुछ प्लान के मुताबित रहा तो एक लम्बा सफ़र शुरू होने को है
एक - दो विक में आपको प्लान बताया जाएगा और फ़िर व्व्वूऊम्म्म...

बस अभी के लिए इतना ही
ओके .... टाटा .... बाई बाई

(आशीष , साल्ट लेक से हावड़ा की ओर )


और आप सभी ये गाना इंजॉय कीजिये -


अच्छा लगा? बोलिए ना ?

4/15/10

वूफर और अम्प्लिफायर


बाए से दाए : अम्प्लिफायर , घुमक्कड़ और वूफर

दुबई ट्रिप इन दोनों और इस गाने के बिना अधूरी रह जाती । शुक्रिया फहीम , शुक्रिया गुंजन !!

4/11/10

संतुष्टि !


दुबई ट्रिप के बाद, 'हिलमैन वंडर आफ द वर्ल्ड ' लिस्ट से #९० और #३९ को काटते हुए , घुमक्कड़ .

जहा चाह , वहा राह



१ अप्रैल, २०१०
दुबई

आज से तक़रीबन १० साल पहले घुमक्कड़ो के लिए दुबई में शायद ही कोई आकर्षण होगा । अगर इतिहास की बात कीजिये तो इस शहर का इतिहास यही कोई १०० - १५० साल पुराना है और रेगिस्तान के बीचो बिच बसे इस शहर में ऐसा कोई प्राकृतिक सौंदर्य भी नहीं है जो सैलानियों को अपनी तरफ खिचे।
पर आज यहाँ जो भी है, शेखो ने दिया है , और कसम से, बहुत खूब दिया है !
विश्व की सबसे ऊँची इमारत, सबसे बढ़िया होटल, सबसे बड़ा अक्वेरियम , सबसे बड़ा शापिंग मौल; आज सबकुछ है दुबई के पास !
दुबई मुझे बचपन में खेले गए एक खेल की याद दिलाता है. मै अपने दोस्तों से पूछा करता था ( शायद कभी आपने भी अपनी किसी दोस्त से पूछा होगा ) - 'बोलो, अगर हम तुम्हे १ करोड़ रुपैया दे और रेगिस्तान में अकेला छोड़ दे तो क्या क्या करोगे? '

3/20/10

ब्रिटिश संघ्राहालय !

स्टोनहेंज !

७ मार्च ,२०१०
स्टोनहेंज , इंगलैंड


कहते है की अगर किसी चीज को दिलो-जान से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है।
अब दुनिया के १०० आश्चर्यो से इश्क सा हो गया है । और सिर्फ मै ही जिद्द कर उनसे मिलने नहीं जाता, वो भी अब मुझे बुलातीं है ।

1/18/10

वार्षिक रिपोर्ट - २००९

प्यारे पाठको ,

आशा है की 'आल इज्ज वेल ' होगा आपके साथ भी ।
दो दिन पहले की बात है मेरे एक पाठक ने मुझसे 'एक घुमक्कड़' चिठ्ठा का वार्षिक रिपोर्ट माँगा । उनका भी लोजिक सही था , बोले की घुमक्कड़ भाई बातें और प्लान तो बड़े बड़े बनाते हो , चलो ये तो बताओ की पिछले साल किया तुमने क्या ??
मैंने बोला की सरकार आप तो हमेशा मेरा ब्लॉग पढ़ते है, ये रहे मेरी पिछले साल के घुमक्कड़ी से रिलेटेड कुछ सवाल , चलिए आप ही गेस मारिये . और पाठको आप क्यों पीछे है ? चलिए आप भी गेस मारिये .
२१ जनवरी को सही जवाब कमेन्ट में पोस्ट कर दिया जाएगा ।










और हां , फ़ोनों फ्रेंड करना हो तो - +९१ ९ ० ० ७ ० ० ० ६ ७ ० डायल कीजिये !

1/2/10

37th आश्चर्य !

मै नहीं मानता की हिलमैन के १०० आश्चर्य ही वास्तविक १०० आश्चर्य है इस दुनिया के । ये तो घुमक्कड़ी की मार्केटिंग है । कई आश्चर्यो को अब तक किताबो में जगह नहीं मिल पायी है और कारण आपको - हमको सबको पता है ।

बिहार के गया जिले के निवासी, दसरथ मांझी ने अकेले ही गहलौर के पहाड़ी को काट कर ३६० फिट लम्बा , २५ फिट उचा और ३० फिट चौड़ा सड़क बना डाला था । ये काम करने में उन्हें २२ साल लगे। २२ साल तक एक हथौड़ा और एक छेनी ले कर के जनाब डटे रहे । क्या ये अपने आप में एक आश्चर्य से कम है ??

खैर , हिलमैन जी के अनुसार दुनिया का 37th आश्चर्य है - हांगकांग का स्काईलाइन । दुनिया के अच्छे स्काईलाइनों में हांगकांग का स्काईलाइन सबसे अच्छा माना जाता है । घुमक्कड़ को हांगकांग के स्काईलाइन के दर्शन का सौभाग्य १२ दिसंबर'०९ को मिला । इसके साथ ही इनके १६ आश्चर्यो के दर्शन पुरे हुए। ये जनाब १०० में से १०० देख कर ही मानेंगे !