6/30/09

सैम, काया और काले मेघा

अरसे बाद ३० जून को कोलकत्ता में बारिश हुयी. चलो,गर्मी से कुछ तो निजाद मिला. हालत ख़राब हो रही थी हम सभी की यहाँ. फेसबुक, ट्वीटर, ऑरकुट, हर जगह कलकत्ता वासी "काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ" गाते दिख जा रहे थे.

मानसून की पहली बारिश में घुमने का कुछ आनंद होता है. एकदम गोडली. ऑफिस से निकलते समय ज़ोर की बारिश हो रही थी. मैंने मोबाइल को लैपटॉप बैग में रखा और भीगने के लिए ख़ुद को तैयार कर लिया. तभी सैम का फ़ोन आया : "Saurav, we have arrived at your home"

सैम ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला है और अपनी चाइनीज गर्लफ्रेंड काया के साथ वर्ल्ड टूर पे निकला हुआ है.अनंतकालीन वर्ल्ड टूर.किस शहर में कब जाना है, और कब तक घूमते रहना है ये सोच के वो दोनों घर से नही निकले है. जलन होती है ऐसे लोगो से मिल के. कसम से.

भीगते हुए घर पंहुचा तो देखा छोटे बच्चे दोनों को घेर रखे है और Hi, Hello, नमस्ते चल रहा है.
Sam, welcome to India! सैम और काया भी भीग चुके थे. घर पहुंचकर हमलोगों ने कपड़े बदले और निकल पड़े evening walk पर.

काया की ये पहली इंडिया ट्रिप थी सो वो excited थी सब कुछ देख कर .इंडिया के बारे में वो ज्यादा कुछ पता नही की आने से पहले, वो इंडिया के बारे में ख़ुद अपनी धारणा बनाना चाहती थी.इंडिया को ख़ुद अनुभव करके. लोगो की बात सुन और पढ़कर ये काम मुश्किल हो जाता है. ऐसे, घुमने के बाद ही हमे पता चलता है की बहुत सारी बातें जो हम दुसरे देशो के बारे में सुनते है, वो ग़लत होती है.

सैम और काया मेरे लिए थाई मिठाई लाये थे. कोकोनट और चावल की बनी थाई मिठाई, दिखने में जापानी सुशी जैसी और खाने में अपनी कोकोनट बर्फी जैसी. हमारे देश में इतने तरह की मिठाईया बनती हैं की दुनिया के किसी भी देश की कोई सी भी मिठाई का स्वाद नया नही लगता हमको.

चलते चलते हमलोग एक मिठाई की दूकान पहुंचे और कचौडी और रोसोगुल्ला खाए. साम और काया के लिए रोसोगुल्ला बहुत मीठा था, मुश्किल हुई उन्हें खाने में.

खा पी कर फ़िर निकल पड़े सैर पे. साल्टलेक सिटी के एक ब्लाक से दुसरे ब्लाक, बातें करते हुए.
हम घुमक्कड़ के पास कभी कहने, सुनने के लिए चीजो की कमी नही होती. पेट अगर भरा हुआ हो तो बातें करते ही चले जाते है.

अगले २ घंटे तक हम बातें करते हुए घूमते रहे और हल्की हल्की बारिश होती रही. मौसम का अनुमान है की कलकत्ता में तक़रीबन एक हफ्ते तक काले मेघा छाए रहेंगे.
जय हो!

6/18/09

मेहमान आ रहे है!

२१ जून को सिंगापूर के ३ मुसाफिर , मेरे यहाँ पधार रहे है!
ये भी क्या सही इत्तेफाक है , जुलाई में मै सिंगापूर जा रहा हू और जून में ख़ुद सिंगापूर ही चल के मेरे पास आ गया :)
इलैने हो (Elaine Ho) अपने दो दोस्तों के साथ , दार्जिलिंग और वाराणसी का सफर तय करने के बाद, कुछ दिनों के लिए कोलकत्ता आ रही है। पेशे से इलैने टीचर है और लगभग आधी दुनिया घूम चुकी है। :)