7/27/09

ओ माझी रे


पानियों में बह रहे हैं कई किनारे टूटे हुए ,
हो रास्तों में मिल गए हैं सभी सहारे छूटे हुए,
कोई सहारा मझधारे में मिले जो, अपना सहारा है...



1 comments:

Unknown said...

ab to majee hee hai is majdaar mein tumhara sahara :P